60 महत्वपूर्ण पारिभाषिक शब्दावली भाग -3 ( 60 Important Terminology) के इस पोस्ट में (110 से 172) तक में आप सभी को इनसे जुड़ी जितने भी शब्द हैं, उन सभी शब्दों को इस पोस्ट पर परिभाषित किया गया है, जिसमें आपको बैंक, फाइनेंस, मुद्रा, आदि से संबंधित सभी तरह के शब्दों का विस्तार से विश्लेषण किया गया है, जिसे पढ़ने के बाद आपका नॉलेज का काफी हद तक विस्तार होने वाला है, इसलिए इस ब्लॉग पोस्ट को कृपया करके पूरा पढ़ें-
60 महत्वपूर्ण पारिभाषिक शब्दावली भाग -3 ( 60 Important Terminology)
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📚110 सरकारी प्रतिभूतियां (Government securities) : सरकारी प्रतिज्ञापत्र, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र तथा राष्ट्रीय बचत योजना आदि सरकारी प्रतिभूतियां हैं।
📚111 सेमी बोम्बाला (Semi Bomble) : काला धन मुद्रा प्रसार कीमतों में वृद्धि जैसी समस्याओं को सुलझाने के लिए अर्थशास्त्रियों द्वारा तैयार किया गया किया गया प्रपत्र।
📚112 हवाला (Hawala) : इसके तहत अपने देश में घरेलू मुद्रा में जमा की गई राशि को दूसरे देश में विदेशी मुद्रा में कुछ शुल्क अदा करके प्राप्त किया जा सकता है।
📚113 हार्ड करेंसी (Hard currency) : विकसित देशों की मुद्राएं जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में पूर्ति की तुलना में मां अधिक होती है।
📚114 हॉट मनी (Hot money) : शीघ्र पलायन की प्रवृत्ति रखने वाली विदेशी मुद्रा।
📚115 हीनार्थ प्रबंधन (Deficit finance) : बजट घाटे को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से ऋण लेना या अतिरिक्त पत्र मुद्रा जारी करना अर्थव्यवस्था में लंबी अवधि तक इस नीति को अपनाना उचित नहीं माना जाता है।
📚116 एर्गोनोमिक्स (Ergonomics) : ये किसी श्रमिक की कार्य क्षमता एवं उसके द्वारा किए जाने वाले वास्तविक कार्य के मध्य संबंध का अध्ययन करता है।
📚117 स्टैगफ्लेशन (Stagflation) : अर्थव्यवस्था की वह अवस्था जिसमें मुद्रास्फीति के साथ-साथ मंदी एवं बेरोजगारी की स्थिति होती है।
📚118 रिफ्लेक्शन (Reflection) : आर्थिक मंदी की अवस्था में सरकार द्वारा कुछ ऐसे कदम उठाए जाते हैं, जिससे लोगों की क्रय शक्ति में वृद्धि हो ताकि वस्तुओं की मांग बड़े इसके परिणाम स्वरुप मूल्य स्तर में जो वृद्धि होती है उसे रिफ्लेक्शन कहा जाता है।
60 महत्वपूर्ण पारिभाषिक शब्दावली की परिभाषा भाग -3 ( 60 Important Terminology)


📚119 तरलता जाल (Liquidity trap) : बहुत न्यूज़ ब्याज दरों पर लोग बांडों में निवेश करने की बजाय मुद्रा को लगती रखने का अधिमान देते हैं क्योंकि दोनों को खरीदने का अर्थ होगा निश्चित हानि जिसके कारण इस बिंदु पर मुद्रा की सट्टा मांग अनंत लोच की होती है अर्थव्यवस्था में बिंदु के इस भाग को ही तरलता जाल कहा जाता है।
📚120 मंदी (Depression) : जब बाजार में वस्तुओं की पूर्ति की तुलना में मांग कम हो जाती है तो कंपनियां अपनी वस्तुओं का उत्पादन कम कर देती है और अपने यहां कर्मचारियों की छटाई करती है परिणाम स्वरुप बेरोजगारी में वृद्धि होती है जिससे लोगों की क्रय शक्ति में कमी आती है जो कुल मांग को हटा देते हैं 1930 की विश्वव्यापी मंदी के दौरान कीन्स ने इसकी व्याख्या की थी।
📚121 भागीदारी नोट्स (Partnership notes) : यह नोट विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा उन निवेशकों को निर्गत किए जाते हैं जो भारतीय पूंजी बाजार में निवेश करना चाहते हैं किंतु अपना रजिस्ट्रेशन सेबी के साथ नहीं करना चाहते।
📚122 जुड़वा घाटा (JOint deficit) : किसी भी अर्थव्यवस्था में बजटीय घाटा और भुगतान संतुलन के चालू खाते के साथ-साथ उपलब्ध होते हैं तो उसे जुड़वा घाटा कहते हैं।
📚123 IFC कोड : ‘इंडियन फाइनेंसियल सिस्टम कोड’ जो सामान्यतः 11 अंकों का प्रत्येक व्यक्ति के चेक पर छपा होता है इसमें पहले के चार अक्षरों में बैंक का नाम 10 तथा अंतिम 6 अंकों में बैंक ब्रांच से संबंधित विवरण रहता है।
📚124 NEFT प्रणाली : इंटरनेट के माध्यम से नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर के द्वारा एक लाख तक की धनराशि को एक बैंक से उसे तथा अन्य बैंक के खाते में Accountधारक द्वारा स्वयं ही हस्तांतरित किया जा सकता है।
📚125 RTGS प्रणाली : सामान्यतः एक लाख रुपए से अधिक की धनराशि को Accountधारक द्वारा इंटरनेट के माध्यम से रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट विधि से किसी भी Account धारक के किसी भी बैंक के खाते में त्वरित रुप में भेजा जाता है।
📚126 नेट बैंकिंग : यह बैंकिंग की ऐसी प्रणाली है जिसमें आप घर बैठे बैठे इंटरनेट के माध्यम से अपने सभी बैंकिंग कार्यों का संचालन कर सकते हैं इसमें किसी तरह का भुगतान अपने अकाउंट में ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं तथा दूसरों को भुगतान भी कर सकते हैं जैसे बिजली और मोबाइल का बिल इत्यादि का भुगतान होता है।
📚127 GNP गेप : सकल राष्ट्रीय उत्पाद जो पूर्ण रोजगार स्तर से संबंधित हो तथा वास्तव में प्राप्त हो तो उन दोनों के अंतर को ही जीएनपी गैप कहते हैं।
📚128 स्टैग (Stag) : वे लोग जो प्राथमिक बाजार में ही विनियोग करते हैं द्वितीय बाजार में नहीं स्टैग कहलाते हैं।
📚129 ब्रिज ऋण (Bridge loan) : किसी परियोजना या प्रोजेक्ट की अस्थाई वित्त व्यवस्था को ब्रिज ऋण कहते हैं।
📚130 प्रबल धक्का सिद्धांत (Strong push theory) : इस सिध्दांत का प्रतिपादन रोजेस्टिन रॉडन ने किया इसके अनुसार अल्पविकसित देशों को गरीबी तथा पिछड़ेपन से बाहर निकालने के लिए यह आवश्यक है की अर्थव्यवस्था में एक बार एक बड़ा निवेश अवश्य किया जाए।
📚131 न्यूनतम क्रांतिक प्रयास (Minimal revolutionary effort) : न्यूनतम संतुलन प्रयास से बाहर निकालने के लिए लेबिस्टन ने न्यूनतम क्रांतिक प्रयास की अवधारणा दी जिसमें ऐसी अर्थव्यवस्थाओं में एक साथ बहुत अधिक मात्रा में निवेश संतुलित रुप से अनेक क्षेत्रों में किया जाए जिससे क्षेत्र दूसरे क्षेत्र के पूरा क्षेत्र के रूप में विकसित होगा तथा एक क्षेत्र दूसरे क्षेत्र के लिए बाजार का कार्य करेगा इससे अर्थव्यवस्था विकसित होती जाएगी।
📚132 म्यूच्यूअल फंड (Mutual fund) : यह शेयर बाजार में निवेश की ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक मध्यस्थ संस्था छोटे निवेशकों की बचतों को अपने अनुभव तथा कुशलता के विभिन्न शेयरों में निवेश करती है, जिससे उनके बाजार जोखिम में कमी होती है तथा निवेश पर उच्च प्रतिफल प्राप्त होता है।
📚133 मध्य पतन व्यापार (Entrepot Trade) : लंदन तथा सिंगापुर जैसे पतन जो आवश्यकता से अधिक वस्तुओं का आयात करके उन्हें उसे पुनः दूसरे देशों को पुननिर्यात कर देते हैं।
📚134 मार्जिन फंडिंग (Margin funding) : शेयर ब्रोकर द्वारा निवेशकों से खरीदे गए शेयर के एवज में स्टॉक एक्सचेंज से वसूली गई राशि।
60 महत्वपूर्ण पारिभाषिक शब्दावली भाग -3 ( 60 Important Terminology) Nots
📚135 मूर्त संपत्तियां (Tangible assets) : भूमि-भवन मशीन इत्यादि ऐसी संपत्ति जिसे देखा और छुआ जा सके।
📚136 मोरेटोरियम (Moratorium) : कानून द्वारा ऋणों के भुगतान को टालने की अवधि।
📚137 मृत्यु कर (Death duty) : उत्तराधिकारी को अपने मृत अभिभावक से प्राप्त संपत्ति के स्थानांतरण के एवज में जो पाया जाने वाला प्रत्यक्ष कर।
📚138 माइक्रो क्रेडिट (Micro credit) : वह छोटी सी कर्ज राशि जो गरीब लोगों को अपनी आजीविका चलाने हेतु छोटे-मोटे कारोबार शुरू करने के लिए दिया जाता है।
📚139 माँग जमा (Demand deposit) : इसके अंतर्गत बैंकों में चालू खाते तथा बचत खाते में जमा राशियों को रखा जाता है, जिसे Accountधारक जब चाहे तब निकाल सकता है।
📚140 मुक्त बंदरगाह (Free port) : आयात निर्यात के लिए सीमा शुल्क तथा अन्य प्रकार के व्यापारिक नियंत्रण से मुक्त बंदरगाह।
📚141 मर्चेंट बैंकिंग (Merchant banking) : औद्योगिक तथा व्यापारिक संस्थाओं को बैंकिंग सुविधा के अलावा परामर्श आदि सुविधा उपलब्ध कराना।
📚142 योजक ऋण (Bridge loan) : शेयर जारी करके पूंजी जुटाने में कंपनियों को जो वक्त लगता है, इस अवधि में Company द्वारा अपनी आवश्यकता के लिए बैंकों से लिया गया ऋण।
📚143 यात्री चेक (Travellers cheque) : वैसा चेक जिसे जारी करते समय एवं भुगतान करते समय दोनों बार आवेदक के हस्ताक्षर कराए जाते हैं, देशभर में संबंधित बैंकों को किसी नहीं Account से भुगतान की सुविधा के कारण यह यात्रियों में काफी लोकप्रिय है।
📚 144राशिपातन (Dumping) : किसी वस्तु के अतिरिक्त भंडार को विदेशी बाजार में काफी कम मूल्य पर बेचना या उसे नष्ट कर देना जिससे घरेलू बाजार में मूल्य स्तर को काफी नीचे गिरने से रोका जा सके।
📚145 लियोन्टीफ पैराडॉक्स (Leontief paradox) : जब विकसित देशों द्वारा पूंजी प्रधान वस्तुओं का आयात किया जाता है तथा श्रम प्रधान वस्तुओं का निर्यात किया जाता है तथा श्रम प्रधान देशों द्वारा श्रम प्रधान वस्तुओं का आयात एवं पूंजी प्रधान वस्तुओं का निर्यात किया जाता है तो इस अवस्था को लियोन्टीफ पैराडॉक्स कहते हैं।
📚146 वाणिज्य पत्र (Commercial paper) : वह असुरक्षित प्रपत्र जो किसी संस्था द्वारा अपनी अल्पकालिक वित्तीय आवश्यकता के लिए जारी किया जाता है।
📚147 वेबरीज वक्र (Website curve) : जो किसी अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी के स्तर तथा रोजगार उपलब्धता के संबंध को प्रदर्शित करने के लिए खींचा जाता है।
60 महत्वपूर्ण पारिभाषिक शब्दावली भाग -3 ( 60 Important Terminology)
📚148 वृद्धिमान पूंजी निर्गत (ICOR) : अनुपात उत्पादन की एक अतिरिक्त इकाई के लिए लगने वाली पूंजी की अतिरिक्त इकाई।
📚149 व्यापार चक्र (Trade cycle) : व्यापार चक्र पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का अंग है यह अर्थव्यवस्था के चक्रीय तेज हो तथा मंदियों से संबंधित है व्यापार चक्र में कुल रोजगार उत्पादन तथा कीमत स्तर में तरंग की तरह उतार चढ़ाव आते रहते हैं।
📚150 बुल तथा बियर (Bull and beer) : शेयर बाजार में भाग लेने वाले ऐसे लोग जो उम्मीद करते हैं कि भविष्य में बाजार मूल्य बढ़ेगा तथा उन्हें लाभ होगा बुल कहलाते हैं तथा वे लोग जो बाजार का मूल्य गिरने की उम्मीद करते हैं वह बियर कहलाते हैं।
📚151 मांग की लोच (Elasticity of demand) : कीमत में होने वाले आनुपातिक परिवर्तन के कारण मांगी गई वस्तु की मात्रा में हुए आनुपातिक परिवर्तन के अनुपात को ही मांग की कीमत लोच कहते हैं अर्थात कीमत में परिवर्तन से वस्तुओं की मांग में होने वाले विभिन्न परिवर्तनों की मांग को मांग की लोच कहा जाता है।
📚152 शून्य आधारित बजट (Zero based budget) : इसका निर्माण पीटर ए पायर ने सन 1959 में किया था इसके अंतर्गत बजट में पहले से शामिल किए जाने वाले प्रत्येक कार्यक्रम की
📚153 आलोचनात्मक समीक्षा की जाती है और पुन: शून्य से प्रारंभ कर उपयोगिता के आधार पर धन का आवंटन किया जाता है, इस को ‘सूर्यास्त बजट प्रणाली’ भी कहा जाता है।
📚154 लिंग आधारित बजट (Gender based budget) : इस बजट के माध्यम से सरकार लिंगभेद समाप्त करते हुए महिलाओं तथा शिशुओं के विकास कल्याण सशक्तिकरण से संबंधित योजना एवं कार्यक्रमों के लिए प्रतिवर्ष बजट में एक निर्धारित राशि की व्यवस्था सुनिश्चित करती है।
📚155 विनिमय विपत्र (Exchange Order) – यह लेनदार द्वारा देनदार पर लिखा गया एक शर्त रहित पत्र आदेश है जो एक निश्चिय समय के पश्चात मांग पर विपत्र में लिखित राशि लेनदार या उसके आदेशित व्यक्ति को देय होता है।
📚156 पूर्ण प्रतियोगिता बाजार (Total competition market) : बाजार की ऐसी स्थिति जिसमें क्रेताओं तथा विक्रेताओं की संख्या इतनी अधिक हो कि कोई अपने व्यवहार से कीमत को प्रभावित न कर सके तथा इस बाजार में क्रेता एवम विक्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान हो और बाजार में बिकने वाली वस्तु की सभी कार्य पूर्ण रुप से सजातीय हो तो इस स्थिति में प्रत्येक विक्रेता एक ही मूल्य प्राप्त करता है जिसका निर्धारण मांग एवं पूर्ति की शक्तियों द्वारा होता है ऐसे बाजार को पूर्ण प्रतियोगी कहते हैं।
📚157 पेटेंट (Patent) : किसी शोध के परिणाम स्वरुप जब किसी नई वस्तु, मशीन इत्यादि का आविष्कार होता है तो सरकार इस आविष्कार पर शोधार्थी को पेटेंट प्रदान करती है जिससे शोधकर्ता अपने अधिकार के निषेध उपयोग का अधिकारी हो जाता है।
📚158 पोर्टफोलियो (Portfolio) : किसी निवेशकर्ता के पास उपलब्ध विभिन्न प्रकार की वित्तीय परिसंपत्तियों का संपूर्ण समूहों पोर्टफोलियो कहलाता है जैसे शेयर पत्र, सरकारी बॉन्ड तथा अन्य वित्तीय परिसंपत्तियां इत्यादि।
📚159 ब्लूचिप शेयर (Bluechip share) : ऐसी कंपनियों के शेयर होते हैं जिनकी उद्योग जगत में बहुत अधिक ख्याति होती है यह स्थिर होते हैं और इनका बाजार पूंजीकरण बहुत अधिक होता है।
📚160 मूल्यनुसार कर (Valuable tax) : यह कर किसी वस्तु या सेवा के मूल्य के एक निश्चित भाग के रूप में लगाया जाता है, इस में जिस अनुपात में सेवा के मूल्य में वृद्धि होती है कर में उसी अनुपात में वृद्धि होती है।
📚161 प्रगामी कर (Progressive tax) : क्रमबद्ध कर व्यवस्था जिसमें अधिक आय श्रेणी वाले उचित दर पर कर अदा करते हैं अर्थात आय में वृद्धि के साथ साथ कर में भी समानुपातिक वृद्धि होती रहती है।
📚162 कठोर मुद्रा (Hard money) : किसी भी देश की वह मुद्रा जो स्वर्ण या अन्य किसी देश की मुद्रा में आसानी से परिवर्तनीय है हार्ड करेंसी कहलाती है।
60 महत्वपूर्ण पारिभाषिक शब्दावली भाग -3 ( 60 Important Terminology)
📚163 पूरक वस्तु (Complementary Goods) – यह भी वस्तुएं है जिनका आपस में संबंध इस प्रकार होता है कि वह एक वस्तु की कीमत में वृद्धि से दूसरी की मांग में कमी होती है तथा पहली वस्तु की कीमत में कमी से दूसरी वस्तु की मांग में वृद्धि होती है अर्थात एक वस्तु की मांग में वृद्धि दूसरी वस्तु की मांग में वृद्धि लाती है तो कमी दूसरी वस्तु की मांग में कमी लाती है Example स्वरूप पेन और स्याही डबल रोटी और मक्खन इत्यादि।
📚164 गिफिन वस्तु (Giffin Goods) : ऐसी वस्तु की सर्वप्रथम पहचान रॉबर्ट गिफेन ने की इसमें ऋणात्मक आय प्रभाव धनात्मक प्रतिस्थापन प्रभाव से अधिक शक्तिशाली होता है जिससे उनकी कीमतें घटने पर इनकी मांग में कमी तथा कीमत में वृद्धि पर मांग में वृद्धि होती है अतः इस प्रकार की वस्तुओं पर मांग का नियम लागू नहीं होता है यह इस नियम के अपवाद है।
📚165 संरचनात्मक स्फीति (Structural inflation) : पूर्ति की लोच हीनता कीमतों के न घटने की प्रवृत्ति और आएगी व्रतियों के परिणाम स्वरुप संरचनात्मक स्फीति आती है।
📚166 मुद्रास्फीति (Inflation Pwvey) : अर्थव्यवस्था में जब मुद्रा की पूर्ति बढ़ती है तो वह वस्तुओं की मांग को बढ़ाती है लेकिन संसाधन सीमित एवं पूर्ण रूप से रोजगार युक्त होने के कारण वस्तुओं की पूर्ति मुद्रा की पूर्ति के अनुपात में नहीं बढ़ पाती परिणाम स्वरुप वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती है संक्षेप में मुद्रा स्फीति में मुद्रा का वास्तविक मूल्य कम हो जाता है।
📚167 खुली स्फीति (Open inflation) : जब खुले बाजार के प्राणों से जिस में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है वस्तुओं तथा साधनों के बाजार को स्वतंत्र रूप से कार्य करने दिया जाने के परिणाम स्वरुप जो स्फीति आती है उसे खुली स्फीति कहते हैं।
📚168 सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम (Low of Declining Marginal utility) : अन्य बातों के समान रहने पर उपभोक्ता जैसे जैसे किसी वस्तु की इकाइयों में उत्तरोत्तर वृद्धि करता है, वैसे वैसे उस वस्तु से मिलने वाली कीमत उपयोगिता घटती जाती है।
📚169 ‘से’ का बाजार नियम (Market’s low of say) – सभी उत्पादनों की मात्रा के परिणाम स्वरुप देश के परिचालन में उतनी ही मात्रा में क्रय शक्ति प्रविष्ट हो जाती है फलत: जितना उत्पादन होता है सारा का सारा स्वत: ही बिक जाता है अत: पूर्ति स्वयं अपनी मांग उत्पन्न करती है यही ‘से’ का बाजार नियम है।
📚170 अवसर लागत (Opportunity cost) : जब कोई व्यक्ति जब किसी एक वस्तु का उत्पादन करने के लिए दूसरी वस्तु का त्याग करता है तो पहली वस्तु की प्रति इकाई उत्पादन के लिए दूसरी वस्तु की त्यागी गयी मात्रा पुरानी वस्तु की अवसर लागत है।
📚 171मौडवैट (Modvat) – वर्ष 1986 के प्रारंभ में किया गया संशोधित मूल्य संवर्धन पर लगाया गया केंद्रीय उत्पाद वह शुल्क है जिसके फलस्वरूप निजी वस्तुओं का उत्पादक प्रयोग आगतों पर बार-बार उत्पादन कर देने के भार से मुक्त हो जाता है।
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📚172 भुगतान संतुलन (Balance of payment) – किसी देश द्वारा या अन्य देशों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ होने वाले लेन-देन में आगत : निर्यात का वह लेखा-जोखा जो दो खंडों चालू Account और पूंजी Account में विभाजित होता है भुगतान संतुलन की होता है। जीवन रक्षक Mcq Questin