छात्रों ने ‘कबाड़’ से किया कमाल! बाइक जितनी कीमत में बना दी दुनिया की पहली ऐसी पॉल्यूशन फ्री कार
मौजूदा समय में दुनिया भर में सबसे बड़ी चिंता पर्यावरण को लेकर है। सड़क पर चलने वाला धुआं बहुत अधिक प्रदूषण और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन लखनऊ के चार छात्रों ने इस समस्या से प्रदूषण मुक्त शहर का मॉडल तैयार कर जादू कर दिया है. छात्रों ने आपस में डस्ट फिल्ट्रेशन सिस्टम (डीएफएस) का इस्तेमाल किया है, जो जाहिर तौर पर उम्मीदों पर खरा उतरता है।
पहली बार कांच का ऐसा मॉडल तैयार किया गया है जिसमें यह बिल्कुल एक जैसा नहीं होगा। तीन को कोरोना रोधी ड्रोन बनाने वाले मशहूर रोबोटिक वैज्ञानिक मिलिंद राज की देखरेख में तैयार किया गया है। जल्द ही वे इसका पेटेंट कराने की तैयारी कर रहे हैं।
9 से 14 साल के बच्चों ने बनाई प्रदूषण मुक्त कार
लखनऊ के 9 से 14 साल की उम्र के चार बच्चों ने डस्ट फिल्टर सिस्टम का इस्तेमाल कर क्लेम तैयार किया है. इन तीनों कारों को अलग-अलग डिजाइन के बच्चों ने तैयार किया है। ये प्रावधान 5-जी-तैयार हैं और पर्यावरण पर भी अत्याचार नहीं करते हैं। इन चारों छात्रों ने प्रसिद्ध रोबोटिक्स वैज्ञानिक मिलिंद राज के साथ मिलकर इन सभी परियोजनाओं पर काम करना शुरू किया। विराज अमित मेहरोत्रा (11 साल), आर्यव अमित मेहरोत्रा (9 साल), गर्वित सिंह (12 साल) और श्रेयांश मेहरोत्रा (14 साल) ने एक साल की मेहनत के बाद इस प्रयोग को सफल बनाया। मिलिंद के नेतृत्व में इन छात्रों ने ‘फोएवर’ (फॉरएवर) नाम से एक टीम बनाई और ये सीक्वेंस बनाने लगे. अब 3 अलग-अलग डिज़ाइन मानक तैयार किए गए हैं। मिलिंद पहले भी रोबोटिक्स में कई उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं, लेकिन पहली बार उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर काम किया है।
दुनिया की पहली ऐसी कार
मिलिंद राज का कहना है कि ‘ये दावे एक साल की मेहनत का नतीजा हैं. डीएफएस यानी डस्ट फिल्ट्रेशन सिस्टम अभी तक दुनिया में कहीं तय नहीं हुआ है, जबकि भविष्य में इसकी जरूरत लोगों को पड़ेगी। इसलिए यह शोध और यह कार्य महत्वपूर्ण है। एक ऐसी तकनीक है जो फेफड़ों से संबंधित बीमारियों डीएफएस यानी डस्ट फिल्ट्रेशन सिस्टम में काम करती है और हमें सांस लेने के लिए स्वस्थ हवा देने में मददगार साबित हो सकती है। छात्रों ने कार के तीन अलग-अलग डिजाइन तैयार किए हैं।
विराज अमित मेहरोत्रा (11 वर्ष), आर्यव अमित मेहरोत्रा (9 वर्ष), गौरवित सिंह (12 वर्ष) और श्रेयांश मेहरोत्रा (14 वर्ष)
95,000 रुपये की कार
मिलिंद राज का कहना है कि इन कारों को दुनिया की पहली स्मार्ट कार के तौर पर देखा जा सकता है। सबसे सस्ती कार के रूप में भी। मिलिंद का कहना है कि अगर इसे बाजार में लाया जाता है तो एक कार की कीमत करीब 95 हजार रुपये होगी। यह कीमत सामान्य बाइक जितनी ही है।
पुरानी चीजों के इस्तेमाल का दावा, एक बार चार्ज करने पर चलेगी 110 किमी
D FS इस कार में काफी एडवांस टेक्नोलॉजी फिट की गई है। इससे यह प्रदूषित नहीं होता और बाहर की हवा भी साफ रहती है। इन तत्वों के बारे में एक और बड़ी बात यह है कि ये पुन: प्रयोज्य हैं। इन खास कारों को बनाने में पुरानी रॉड, स्टील फ्रेम जैसी चीजों का इस्तेमाल किया गया है। फिलहाल कारों के तीन अलग-अलग डिजाइन तैयार किए गए हैं। ये एक, दो और तीन सीटर हैं। यह एक इलेक्ट्रिक व्हीकल है, सर्वे किया गया है कि यह कार एक बार चार्ज करने पर करीब 110 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। क्लास और समकालीन डिजाइन के साथ ये वेरिएंट्स bldcm 1000 वॉट इलेक्ट्रिक ड्राइव सिस्टम। लगाया गया है।
प्रसिद्ध रोबोट वैज्ञानिक मिलिंद राज
कोविड के दौर में एंटी कोरोना ड्रोन बनाया गया
मिलिंद राज कहते हैं कि ‘भारत में ये चारों बच्चे कड़ी मेहनत और तकनीक के बेहतर इस्तेमाल की मिसाल हैं। भविष्य में और भी बच्चे ऐसे वैज्ञानिक शोध के लिए प्रेरित होंगे। मिलिंद राज द्वारा बनाया गया एंटी-कोरोना ड्रोन कोविड काल में तब सुर्खियों में आया था, जब वैक्सीन का समाधान खोजा गया था। रोबोटिक्स विशेषज्ञ मिलिंद राज इस तकनीक को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। इस तकनीक को पेटेंट कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
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