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El Salvador Club में शामिल हुआ ये देश, Cryptocurrency बिटक्वाइन को बनाया लीगल टेंडर, जानें क्यों उठाया यह कदम
सबसे पहले एल सल्वाडोर ने बिटक्वाइन को आधिकारिक तौर पर करेंसी के रूप में मान्यता दी है ,अब और एक देश इस एल सल्वाडोर के क्लब में शामिल हो गया है। यहाँ पर सोने और हीरे के भंडार होने के बावजूद भी गरीब देशों इसको में गिना जाने वाले यह अफ्रीकी देश सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक ने भी बिटक्वाइन को करेंसी के तौर पर अपना लिया।
पूरी दुनिया में Cryptocurrency के प्रति लोगों की दीवानगी लगातार बढ़ती जा रही है, तो दूसरी ओर इसे लीगल टेंडर के रूप में भी मान्यता देने के मामले सामने आ रहे है, कई देश इसमें रुचि दिखा रहे हैं। देखा जाए तो सबसे पहले एल सल्वाडोर ने बिटक्वाइन को आधिकारिक तौर पर करेंसी के रूप में मान्यता दी, उसके बाद अब एक और देश इस क्लब में शामिल हो गया है।
जहाँ पर प्रचुर मात्रा में सोने और हीरे के भंडार होने के बावजूद गरीब देशों के अंतर्गत आता है, या कहे तो उस देश को एक गरीब देश में गिना जाने वाले अफ्रीकी देश सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक ने भी इस करेंसी को अपना लिया है।
नागिरकों के हित में लिया गया फैसला
एक रिपोर्ट के अनुसार, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक की सरकार ने पिछले बीते बुधवार को बिटक्वाइन को आधिकारिक तौर पर करेंसी के रूप में अपनी मंजूरी दे दी है। गर्व की बात है कि उस देश ने क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी के रूप में अपनाने के लिए यहां की संसद में एक बिल पेश किया गया था, और सर्वसम्मति से स्वीकार भी कर लिया गया है।
उस देश के राष्ट्रपति फॉस्टिन अर्चेंज टौडेरा ने अपने कार्यालय की ओर से जारी किए गए बयान के आधार पर देश के सभी नागरिकों का दैनिक जीवन को सुधारने के ख्याल से यह फैसला लिया गया है।
काफी लंबे समय तक यह देश हिंसा की भरी मार झेलने वाले देश के राष्ट्रपति ने इस बिल का समर्थन करते हुए कहा है कि यह कदम उस देश के सभी नागरिकों का दैनिक जीवन स्तर को सुधारने में काफी मदद करेगा तथा यह फैसला सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक के लिए बड़े अवसरों का द्वार खोलने में मदद करेगा।
एल सल्वाडोर ने उठाया 2021 में था यह कदम
बिटक्वाइन को एक करेंसी के रूप में मान्यता देने के मामले में पूरी दुनिया का यह पहला देश एल साल्वाडोर है। जहाँ पर बीते साल सात सितंबर 2021 को बिटक्वाइन को एक करेंसी के रूप में अपना लिया गया था। यहीं नहीं उस देश में बिटक्वाइन सिटी बनाने की चर्चाएं भी सामने आई थीं उस समय।
एक रिपोर्ट के मुताबिक,फैसले को रोलआउट करने के लिए एल साल्वाडोर ने 400 बिटकॉइन भी खरीदे थे, उस समय बिटकॉइन कीमत ट्रेडिंग प्राइस के हिसाब से देखा जाए तो करीब 21 मिलियन डॉलर थी। अभी वर्तमान समय में इसकी कीमत में गिरावट के बावजूद भी आसमान छू रही है।
इस सूची में क्यूबा भी हुआ शामिल
एल सल्वाडोर के बाद एक अलग देश क्यूबा ने भी अपने यहां क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी रूप से मान्यता देने का फैसला किया है। एक ओर देखा जाए जहां पर एल सल्वाडोर में दक्षिण पंथी सरकार माना जाता है।
क्यूबा सरकार के अनुसार क्यूबा का सेंट्रल बैंक इस समय क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल को सामाजिक-आर्थिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए अधिकृत करने की मान्यता दे सकता है।
कनाडा और इजरायल भी पक्ष में
एक रिपोर्ट के अनुसार, जानकारी मिली है की कनाडा राजस्व प्राधिकरण (सीआरए) आम तौर पर अपने देश के आयकर अधिनियम के प्रयोजनों के लिए क्रिप्टोकरेंसी को एक वस्तु के रूप में मानता है। इजरायल देश ने भी अपने वित्तीय सेवा कानून के तहत वित्तीय परिसंपत्तियों के तौर पर आभाषी करेंसी को अपनी करेंसी के रूप में शामिल कर लिया है।
इजरायल में क्रिप्टोकरेंसी को वित्तीय परिसंपत्ति मानते हुए उस पर 25 % कैपिटल गेन टैक्स लगाया है। जर्मनी ने भी क्रिप्टोकरेंसी को फाइनैंशियल इंस्ट्रूमेंट के रूप माना है।
इसके लिए थाइलैंड में लेना होता है लाइसेंस
इन सभी देशों के अलावा थाइलैंड भी शामिल है। यहां पर डिजिटल एसेट्स में बिजनेस करने के लिए लाइसेंस लेना होता है। यहां पर आपको बता दें कि इनमें से ज्यादातर देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर के रूप में नहीं माना है,
लेकिन भी ये देश इस बात से वाकिफ हैं कि आज वर्तमान समय में अभी इनकी कितनी वैल्यू है। इसलिये ये सभी देश इन्हें एक्सचेंज के माध्यम से या फिर यूनिट्स ऑफ अकाउंट के रूप में मानते हैं।