PM KISAN e-KYC: ई-केवाईसी को लेकर राजस्थान सरकार ने कह दी बड़ी बात, क्या किसानों को होगा नुकसान?,Farmers Schemes, KYC, PM Kisan, Pm Kisan Samman Nidhi Scheme, Rajasthan Government,
राजस्थान में पीएम-किसान स्कीम के नोडल अधिकारी ‘मुक्तानंद अग्रवाल’ ने ई-केवाईसी के कमी में किसानों को आगामी किस्तों से वंचित रहना पड़ सकता है. आप 31 जुलाई तक करवा सकते हैं यह काम.
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PM KISAN e-KYC : केंद्र सरकार की सबसे बड़ी किसान योजना पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम की 12वीं किस्त का पैसा अगस्त में कभी भी खाते में जमा सकता है. ऐसे में उन किसानों को योजना की वेबसाइट पर जाकर अपने रिकॉर्ड की जांच कर लेनी चाहिए, जिन्हें अप्लाई करने के बाद भी 11वीं किस्त का पैसा नहीं मिला था. हो सकता है कि रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी हो. उधर, राजस्थान सरकार इस स्कीम के तहत ज्यादा से ज्यादा किसानों को पैसा दिलाने की कोशिश में लगी हुए है. इसके लिए उसने अपने सूबे के किसानों को 31 जुलाई तक ई-केवाईसी करवा लेने की आदेश दी है.
PM KISAN e-KYC: ई-केवाईसी को लेकर राजस्थान सरकार ने कह दी बड़ी बात
PM KISAN e-KYC : राजस्थान में सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार एवं पीएम-किसान के स्टेट नोडल अधिकारी (मुक्तानंद अग्रवाल) ने इस बारे में किसानों को जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि पीएम-किसान योजना के सभी लाभार्थी किसानों को 31 जुलाई 2022 तक ई-केवाईसी सत्यापन कराया जाना जरुरी किया गया है. ताकि रजिस्टर्ड किसानों को योजना के तहत लाभ सुचारू रूप से मिल सकेगा . ई-केवाईसी के कमी में कृषकों को आगामी किस्तों से वंचित रहना पड़ सकता है.
कहां करवाएं ई-केवाईसी
PM KISAN e-KYC: अग्रवाल ने बताया कि कृषकों को नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आधार कार्ड के द्वारा बायोमेट्रिक प्रणाली से ई-केवाईसी सत्यापन पूर्ण कराना ज़रूरी होगा. सभी ई-मित्र केन्द्र पर ई-केवाईसी के लिए फीस 15 रुपये प्रति लाभार्थी (कर सहित) निर्धारित किया गया है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की आगामी किश्तों का लाभ ई-केवाईसी पूरा होने पर ही दिया जाएगा . केंद्र सरकार किसानों की सहूलियत के लिए कई बार ई-केवाईसी करवाने की तारीख आगे-से -आगे बढ़ा रही है.
योजना केंद्र की, जिम्मेदारी राज्य की भी है
PM KISAN e-KYC: पीएम किसान योजना में किसानों को पूरा पैसा केंद्र सरकार दे रहा है. लेकिन राज्य सरकार की भी जिम्मेदारी कम नहीं हुए है. कौन किसान है और कौन नहीं इसे वेरिफाई करने का काम राज्य सरकार का ही है. क्योंकि रेवेन्यू रिकॉर्ड उसी के पास होता है. योजना की जो सबसे बड़ी शर्त है उसमें किसान के पास खेती करने योग्य जमीन का होना बहुत जरूरी है. राजस्थान सरकार किसानों का वेरिफिकेशन कई स्तरों पर कर रही है.
किसान द्वारा अप्लाई करने के बाद उसकी पटवारी जांच करता है. पटवारी को लगता है कि आवेदक पात्र नहीं है तो वो अप्लीकेशन रिजेक्ट कर देती है. उसके वेरिफिकेशन के बाद तहसीलदार अप्रूव्ड करता है. कुछ आवेदन उसके स्तर पर भी रिजेक्ट किया जाता हैं. उसके बाद फाइल कलेक्टर साहब के पास जाता है. उसके अप्रूवल के बाद ही आवेदक को पैसा मिलता है.
वेरिफिकेशन के लिए और क्या हो रहा?
पीएम किसान योजना का फायदा सही लोगों को मिले इसके लिए 5 प्रतिशत किसानों का फिजिकल वेरिफिकेशन होगा. यह काम चल ही रहा है. इसमें काफी अपात्र किसान पाए जाते हैं. इसके अलावा सोशल ऑडिट के लिए हर ग्राम पंचायत में लाभार्थियों की सूची चस्पा की जाती है . सरकार इस कोशिश में जुटी हुई है कि इस योजना में अपात्र लोगों को फायदा न मिले .