Reserve Bank Of India ने कैंसिल किया है इस बैंक का लाइसेंस, अब ग्राहक नहीं निकाल पाएंगे पैसा, 6 महीने बाद बंद हो जाएगा बैंक

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Reserve Bank Of India ने कहा कि बैंक आज से छह सप्ताह के बाद अपना कारोबार करना बंद कर देगा। बैंक को ‘बैंकिंग’ कारोबार से प्रतिबंधित किया जाएगा। इसलिए ग्राहक न तो पैसे जमा कर सकेंगे और न ही निकाल सकेंगे। RBI cancel Rupee Co operative Bank pune effective from today to next six month depositors alert – Business News India

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Reserve Bank Of India ने यह कहा कि बैंक आज से छह सप्ताह के बाद अपना कारोबार करना बंद कर देगा। बैंक को ‘बैंकिंग’ कारोबार से प्रतिबंधित किया जाने वाला है। इसलिए ग्राहक न तो अपने पैसे जमा कर सकेंगे और न ही निकाल सकेंगे।

Reserve Bank Of India ने कैंसिल किया है इस बैंक का लाइसेंस

हमारे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक और बैंक पर शख्त कार्रवाई की है। केन्द्रीय बैंक ने अब पुणे पर स्थित रुपया को-ऑपेरेटिव बैंक (Rupee Co-operative Bank Ltd) का लाइसेंस को भी कैंसिल कर दिया है। यह आदेश आज से छह सप्ताह के बाद यानी की 22 सितंबर 2022 प्रभावी होगा।

बैंक ने क्या कहा?

RBI ने आज बुधवार को यह कहा, केन्द्रीय बैंक मुंबई हाई कोर्ट के 12 सितंबर 2017 के आदेश का पालन करते हुए पुणे में स्थित इस सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर रहा है। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि रु सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति चरमरा गई है और बैंक अपने डिपॉजिटर्स का पैसा लौटाने की स्थिति में अब नहीं है। ऐसे में अब से 6 सप्‍ताह बाद बैंक को अपना कारोबार बंद करना पड़ेगा। RBI ने कहा कि अगर रु सहकारी बैंक को अपने बैंकिंग कारोबार को आगे बढ़ाने की अनुमति दी जाती है तो इसका जनता पर बुरा प्रभाव पड़ता।

बैंक को 6 सप्ताह बाद बंद करना होगा कारोबार

आरबीआई (RBI) ने कहा कि बैंक आज से छह सप्ताह के बाद अपना कारोबार करना बंद कर देगा। आरबीआई (RBI ) ने कहा कि बैंक को ‘बैंकिंग’ कारोबार से प्रतिबंधित किया जाएगा। इस लिए सभी ग्राहक न तो पैसे जमा कर सकेंगे और न ही निकाल सकेंगे। रिजर्व बैंक ने कहा कि रु सहकारी बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है क्योंकि बैंक के पास अब पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं रह गए हैं। यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ धारा 11(1) एवं धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है। बैंक धारा 22(3) (ए), 22 (3) (बी), 22 (3) (सी), 22 (3) (डी) और 22 (3) (ई) की आवश्यकताओं का पालन करने में असफल रहा है। आरबीआई (RBI) ने आगे कहा, डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अधीन प्रत्येक डिपाॅजिटर्स ₹5,00,000 (पांच लाख रुपये) तक जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का ही हकदार होगा।

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