इनकम टैक्‍स नोटिस से कैसे बचें?

निर्धारित किये गए (टैक्‍स पेयर/इन्‍वेस्‍टर) अक्सर अपनी इनकम का सोर्स दिखाने से बचते हैं,

या अपनी टैक्‍स की लॉयबिलिटी को कम करने के लिए आईटीआर में कम आय दिखाते हैं.

लेकिन, वे यह भी नहीं जानते कि आईटी डिपार्टमेंट को उनके फाइनेंशियल ट्रांजैक्‍शन की पूरी जानकारी होती है.

इसलिए इनकम टैक्‍स रिटर्न दाखिल करते समय अपनी सारी इनकम और निवेश के सभी सोर्स को ठीक से बताना ही बेहतर है.

ऐसे में शेयर या सिक्‍युरिटीज में निवेश पर नोटिस न मिल सके, इसके लिए कुछ जरूरी बातों पर आपको ध्‍यान देना चाहिए.


आपको निर्धारित तारीख से पहले ही अपना ITR फाइल करना चाहिए.

क्योकि आपको सभी TDS एंट्री को क्रॉस-चेक करना चाहिए और सत्यापित भी करना चाहिए कि

आपके फॉर्म 26AS में रिपोर्ट किए गए हाई वैल्‍यू ट्रांजैक्‍शन सही हैं, या नहीं.

आपको अपना ITR फाइल करने से पहले AIS को वेरिफाई भी करना चाहिए.

अगर आपका एक वित्‍त वर्ष के दौरान निवेश राशि 10 लाख रुपये से अधिक है, तो आपको शेयरों और सिक्योरिटीज में अपने निवेश की डीटेल पूरी तरह देनी ही चाहिए.

आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि टैक्‍स लॉयबिलिटीता, अगर कोई हो, तो उसकी कैलकुलेशन सही की गई है और ऐसे लेन देन पर टैक्‍स पेमेंट किया गया हो .

आपको अपने सभी हाई वैल्‍यू वाले फाइनेंशियल ट्रांजैकशन, निवेश और खर्चों का रिकॉर्ड अपने पास रखना चाहिए.

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