Street Food: इस दुकान में रोज 40 किलो मछली खा जाते हैं लोग, जानें डिटेल मो. सरफराज आलम/सहरसा : अगर आप मछली खाने के शौकीन हैं और सहरसा में खाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं तो हम आपको मछली की मशहूर दुकान के बारे में बताने जा रहे हैं. जिससे यहां बनने वाली मछलियों का स्वाद ही अलग होता है। यहां एक दर्जन से ज्यादा तरह की मछलियां बनाई जाती हैं। जहां रोजाना 40 किलो से ज्यादा मछली आसानी से खा ली जाती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं सहरसा रजिस्ट्री कार्यालय परिसर में स्थित बबलू की मांसाहार की दुकान की. जहां दिनभर मछली प्रेमियों का जमावड़ा लगा रहता है।
Street Food: इस दुकान में रोज 40 किलो मछली खा जाते हैं लोग
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आपको दर्जनों तरह की मछलियों का स्वाद चखने को मिलेगा
इस प्रसिद्ध बबलू की मछली और चावल की दुकान पर विभिन्न प्रकार की दर्जनों मछलियाँ हर समय उपलब्ध रहती हैं। जिसमें रोजाना देसी सिंघी, मुंगरी, कबाई, टांगरा, झिघवा, कटला, रेहू मछली तैयार की जाती है। यहां दूर-दूर से लोग मछली खाने आते हैं। वहीं बबलू के मछली बनाने का अंदाज सबसे अलग है। मछली के देसी स्वाद के कारण लोग बबलू की मछली की दुकान की ओर खींचे चले आते हैं।
रोजाना 40 किलो मछली की खपत होती है
दुकानदार बबलू मुखिया ने बताया कि रोजाना 30 से 40 किलो मछली बनती है। तब तक पूरी मछली और चावल खत्म हो जाते हैं। दुकान सुबह छह बजे से शाम सात बजे तक खुली रहती है। जिस तरह की मछली की लोग डिमांड करते हैं, उसी तरह की मछली देसी अंदाज में बनाकर परोसी जाती है. मछली लोगों की डिमांड को ध्यान में रखकर बनाई जाती है। ताकि जब भी लोग दुकान पर मछली खाने आएं तो दोबारा आने पर मजबूर हो जाएं। बिल्कुल ताजा मछली का उपयोग किया जाता है और आकार 7 से 8 किलो तक होता है।
देसी अंदाज में बनी मछली बेहद खास होती है
बबलू की दुकान पर मछली खाने आए लोगों ने बताया कि देसी अंदाज में बनी मछली लोगों को काफी पसंद आती है. मछली में ज्यादा मसालों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। सबसे खास बात यह है कि आप यहां अपनी पसंद की मछली खा सकते हैं। उनके साथ दर्जनों प्रकार की मछलियां रहती हैं। इसलिए दूर-दूर से लोग जब भी सहरसा आते हैं तो बबलू की दुकान पर मछली का स्वाद चखना नहीं भूलते. इस दुकान में बनने वाली मछलियों का स्वाद ही अलग होता है। साफ-सफाई का भी ध्यान रखा जाता है।msn