Technical Course in Regional Languages: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा का किया शुभारंभ
Technical Course in Regional Languages: कई विद्यार्थियों को अंग्रेजी में तकनीकी शिक्षा को समझने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसलिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए कदम उठाए हैं राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने 11 नवंबर को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की अनेक परियोजनाओं का शुभारंभ किया इनमें ओडिया भाषा में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की इंजीनियरिंग पुस्तकें, उड़िया भाषा में वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग (सीएसटीटी) द्वारा विकसित तकनीकी शब्दावली और ई-कुंभ (एकाधिक भारतीय भाषाओं में ज्ञान का प्रसार) पोर्टल शामिल हैं. राष्ट्रपति ने भुवनेश्वर के जयदेव भवन में इन योजनाओं का शुभारंभ किया है.
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Technical Course in Regional Languages मातृभाषा छात्रों के बौद्धिक विकास में सहायक होती
Technical Course in Regional Languages: राष्ट्रपति ने यह कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि मातृभाषा छात्रों के बौद्धिक विकास में सहायक होती है उन्होंने यह विश्वास दिलाते हुए कहा कि मातृभाषा में सीखने से छात्रों में रचनात्मक सोच और विश्लेषण के कौशल का विकास भी होता है और इससे शहरी और ग्रामीण छात्रों को समान अवसर प्रदान होता है उन्होंने यह भी कहा कि पहले क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा प्रदान करने मैं बाधा आती थी क्योंकि स्थानीय भाषाओं में पाठ्य पुस्तकों की अनुपलब्धता की समस्या थी उन्होंने इस बाधा को दूर करने के लिए काफी प्रयास किए इसके लिए उन्होंने एआईसीटीई की सराहना की.
राष्ट्रपति ने तपोबन हाई स्कूल का दौरा किया
Technical Course in Regional Languages: राष्ट्रपति ने तपोवन हाई स्कूल का दौरा भी किया इसके बाद उन्होंने राजकीय बालिका उच्च विद्यालय इकाई दो जहां उनकी शिक्षा-दीक्षा हुई थी और कुंतला कुमारी सबत आदिवासी बालिका छात्रावास इकाई 2 का भी दौरा किया, जहां वह अपने स्कूल जीवन में रहती थी. राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने विद्यालय के छात्रों, शिक्षकों, पूर्व छात्रों और छात्रावास के निवासियों से भी बातचीत की. राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने कहा कि उन्हें केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की इन महत्वपूर्ण पहलों की शुरूआत करते हुए खुशी हो रही है. यह सराहनीय कदम शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने की दिशा में उठाए गए हैं.
राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने कहा कि शिक्षा सशक्तिकरण का एक साधन है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे हर बच्चे की हर स्तर पर शिक्षा तक पहुंच हो. हमें बिना किसी भेदभाव के सभी को शिक्षा उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश करनी होगी. द्रोपति मुर्मू कहा कि भाषा को छात्रों को शिक्षा प्रदान करने में एक सक्षम कारक बनना चाहिए, बाधा नहीं.क्षेत्रीय और स्थानीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान कर हम एक सुशिक्षित, जागरूक और जीवंत समाज का निर्माण कर सकते हैं.
Technical Course in Regional Languages:राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने कहा कि उड़िया एक प्राचीन और समृद्ध भाषा है। इसकी एक विशिष्ट साहित्यिक परंपरा और समृद्ध शब्दावली है. इसलिए उड़िया भाषा में तकनीकी शिक्षा प्रदान करने में कोई कठिनाई नहीं आएगी. द्रोपति मुर्मू कहा कि सभी भारतीय भाषाओं में कमोबेश एक जैसी क्षमता है. उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत सभी भारतीय भाषाओं को समान महत्व दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे सभी भारतीय भाषाओं के विकास का एक नया युग शुरू हुआ है.