टेक्नालाजी व इंफ्रास्ट्रक्चर से खेती में बढ़ेंगे रोजगार : तोमर

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टेक्नालाजी व इंफ्रास्ट्रक्चर से खेती में बढ़ेंगे रोजगार : तोमर 16 अगस्त, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में टेक्नालाजी का उपयोग बढ़ाने और गांव-गांव इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए हमारे सरकार काम कर रही है,

जिससे खेती में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पढ़े-लिखे युवा गांवों में ही रहकर कृषि की ओर हमेशा आकर्षित होंगे। श्री तोमर ने कहा कि अमृतकाल में हिंदुस्तान की कृषि की दुनिया प्रशंसा करें, यहां ज्ञान लेने आएं, ऐसा हमारा गौरव हों, विश्व कल्याण की भूमिका निर्वहन करने में इंडिया समर्थ हों। श्री तोमर ने यह बात भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा आयोजित व्याख्यान श्रंखला की समापन कड़ी में बोला ।

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यह श्रंखला 17 मार्च 2021 को शुरू हुई थी और विभिन्न विषयों पर 75 व्याख्यान विशेषज्ञों, प्रख्यात वैज्ञानिकों, नीति-निर्माताओं, आध्यात्मिक नेताओं, प्रेरक वक्ताओं और सफल उद्यमियों द्वारा दिया गया । समापन अवसर पर श्री तोमर ने‘आत्मनिर्भर कृषि’ पर व्याख्यान बताया ।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री लगातार इस बात की कोशिश करते आ रहे हैं कि कृषि क्षेत्र को सरकार का पूरा सहयोग-समर्थन मिलें, इसलिए अनेक योजनाओं का सृजन भी किया जा रहा है, जिन पर राज्य सरकारों के सहयोग से काम चल भी रहा है। श्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से उद्बोधन में भी कृषि क्षेत्र को पुनः महत्व दिया जा रहा है, जो इस क्षेत्र में तब्दीली लाने की उनकी मंशा प्रदर्शित करता दिख रहा है।

टेक्नालाजी व इंफ्रास्ट्रक्चर: प्रधानमंत्री ने आह्वान किया था कि किसानों की आय दोगुनी होनी चाहिए, कृषि में टेक्नालाजी का उपयोग व छोटे किसानों की ताकत बढ़ना चाहिए, हमारी खेती आत्मनिर्भर कृषि में तब्दील होना चाहिए, पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए, कृषि की योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता होना चाहिए, अनुसंधान बढ़ना चाहिए, किसानों को महंगी फसलों की ओर जाना चाहिए, उत्पादन व उत्पादकता बढ़ने के साथ ही किसानों को उनकी उपज के वाजिब दाम मिलना ही चाहिए।

आईसीएआर व कृषि वैज्ञानिकों ने कृषि के विकास में बहुत ज्यादा अच्छा काम किया है। उनकी कोशिश हमेशा रही है कि नए बीजों का आविष्कार करें, उन्हें खेतों तक पहुंचाएं, उत्पादकता बढ़े, नई तकनीक विकसित की जाएं और उन्हें किसानों तक पहुंचाया जाएं। जलवायु अनुकूल बीजों की किस्में, फोर्टिफाइड किस्में जारी करना इसमें शामिल होती हैं।

एग्री इंफ्रा फंड के अंतर्गत 14 हजार करोड़ रु. के प्रोजेक्ट आ चुका हैं, जिनमें से 10 हजार करोड़ रुपये के स्वीकृत भी मिल गई हैं। सिंचाई के साधनों में बढ़ोत्तरी हो रही है, जल सीमित है इसलिए सूक्ष्म सिंचाई पर फोकस किया जा रहा हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का फायदा आम किसानों तक पहुंचाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई कोष 5 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 हजार करोड़ रुपये किया गया है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि छोटे किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस स्कीम में अभी तक लगभग साढ़े 11 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि जमा कराई जा चुकी हैं। प्रारंभ में आईसीएआर के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक ने बहुत अच्छा स्वागत भाषण दिया।

संचालन उप महानिदेशक डा.आर.सी. अग्रवाल ने किये। आईसीएआर के पूर्व डीजी डा. त्रिलोचन महापात्र सहित कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, आईसीएआर के अधिकारियों, वरिष्ठ संकाय, वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों, शिक्षकों, विद्यार्थियों, और अन्य लोगों ने इसमें भाग लिया।

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