Online fund transfe के 4 ऑप्शन क्यों? जानिए UPI, NEFT, IMPS और RTGS में क्या अंतर है और इसके क्या फायदें हैं।
ऑनलाइन फंड ट्रांसफर करना चाहते हैं तो UPI, NEFT, IMPS, RTGS जैसे 4 विकल्प मौजूद हैं. तो जानते हैं कि चारों के क्या फायदे हैं और इनके क्या-क्या फीचर्स है.
ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक गौतम अडानी इस टाइम 143 अरब डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर हैं।
NEFT, IMPS और RTGS की मदद से भी ऑनलाइन फंड ट्रांसफर किये जाते है.फंड ट्रांसफर के लिए चार-चार विकल्प क्यों हैं और इसके क्या फायदें हैं.
RTGS के फायदे और अन्य डिटेल।
सबसे पहले RTGS यानी रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट के बारे में जानते है. इसे साल 2004 में लॉन्च किया था.
14 दिसंबर 2020 से इसकी सुविधा 24 घंटे उपलब्ध हैं . 2-5 लाख के ट्रांजैक्शन पर 25 रुपए और 5 लाख से अधिक का ट्रांजैक्शन करने पर 50 रुपए की प्रोसेसिंग फीस लगती है.
NEFT के फायदे और अन्य डिटेल
ऑनलाइन पेमेंट का दूसरा तरीका NEFT है जिसे (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) भी कहते हैं.
NEFT की शुरुआत 2005 में की गई थी .UPI और IMPS का चलन ज्यादा है. लेकिन वर्ष 2017 तक नेफ्ट में सालाना आधार पर 40 %का उछाल देखा जा रहा था.
IMPS के फायदे और अन्य डिटेल
IMPS यानी इमीडिएट पेमेंट सिस्टम को वर्ष 2010 में लॉन्च किया गया.
उस टाइम तक RTGS, NEFT की मदद से लिमिटेड टाइम में ऑनलाइन फंड ट्रांसफर किया जाता था.
मंथली ट्रांजैक्शन 10 लाख करोड़ के पार।
10 लाख करोड़ का ट्रांजैक्शन UPI की मदद से होता है. ट्रांजैक्शन की संख्या 600 करोड़ से अधिक होती है.