भू-कानून को लेकर गठित कमेटी ने सीएम को सौंपी रिपोर्ट
सीएम धामी बोले, कमेटी की सिफारिशों पर किया जाएगा विचार
देहरादून, ब्यूरो: कमेटी ने दोनों के बीच संतुलन बनाने की बात कही है. रिपोर्ट में भूमि का दुरुपयोग रोकने की भी बात कही गई है.
राज्य में 2018 में भूकानून में संशोधन करके पहले इस कानून में जमीन खरीद-फरोख्त की सीमा को खत्म कर दिया गया था.
अगस्त 2021 में बनी थी समिति
भूमि के दुरुपयोग पर लगे रोक
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भू कानून में इस तरह से संशोधन किया जाए ताकि राज्य में निवेश बढे और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो.
भूमिहीन हो रहे लोग
उत्तराखंड में मौजूदा व्यवस्था में डीएम द्वारा खेती और बागवानी के लिए कृषि भूमि खरीदने की अनुमति दी जाती है.
घर के लिए 250 वर्ग मीटर
रिपोर्ट में पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में उद्योग लगाने के लिए जमीन देने की मौजूदा व्यवस्था को खत्म कर हिमाचल प्रदेश की तरह जरूरत के आधार पर कम से कम जमीन आवंटित करने की सिफारिश की है.
उक्रांद ने उठाए सवाल
उत्तराखंड क्रांति दल ने भू-कानून समिति की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए रिपोर्ट को निराशाजनक बताया है.
केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि इसमें जमीनों को खुर्दबुर्द होने से बचाने के लिए कुछ नहीं है.
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